Saturday, June 27, 2009
कभी समझ सको तो......
कभी समझ सको तो कोशिश करना
उन पलों की गहराईयों को समझने की....
जब मेरे कांपते हाथ
ढूंढते हैं तेरे जिस्म का सहारा...
तेरे होठों के मेरे होठों से छू जाने भर से
मिलता है मेरी अनबुझी प्यास को एक किनारा
जब तेरी जुल्फों की छांव में प्यारा सा वक्त
एक ख्वाब की तरह गुज़र जाता है
वो तेरा शरमा के मेरे सीने से लिपट जाना
कैसे कहूं...... मुझे कितना तड़पाता है.....
कभी समझ सको तो कोशिश करना
उन पलों की गहराईयों को समझने की....
मुझे अब भी याद है वो हाथ तुम्हारा
जो कशमकश में था और बेचैन भी
जो उठा था मेरे हाथ को बताने के लिये
कि रुक जा तेरी हद अब दूर नहीं
मगर दिल ने कहा मुझे ये मंज़ूर नहीं .....
कभी समझ सको तो कोशिश करना
उन पलों की गहराईयों को समझने की....
वो सिसकियां... वो इशारे... वो सुबकियां तुम्हारी
ज़िंदगी भर यादों में रहेंगे हमारी
वो सोयी सी आंखों से मदहोश करना
वो कांधे से सरकती जवानी तुम्हारी
मेरी गोद में अकसर तुम्हारा सो जाना
हकीकत और ख्वाबों की लंबी कहानी......
कभी समझ सको तो कोशिश करना
उन पलों की गहराईयों को समझने की....
जब मेरे कांपते हाथ
ढूंढते हैं तेरे जिस्म का सहारा...
Sunday, June 14, 2009
हम भी शौक फ़रमा रहे हैं...
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
बदनसीबी बस इतनी
कि एक का ग़म भुलाने के लिए
दूसरी को गले लगा रहे हैं....
लोग कहते हैं कि नशा इस शराब में है
हम तो बरसों से उनकी याद में ही
होश गंवा रहे हैं...........
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
तुमने शायद हकीकत तो समझी मुहब्बत की
हम तो आज भी
ख्यालों में ही जिये जा रहे हैं......
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
ये मालूम है हमको कि मंज़िल लौटती नहीं
गुज़री हुई राहों पे दोबारा
फिर भी न जाने क्यूं
इंतज़ार किये जा रहे हैं....किये जा रहे हैं....
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
लोग हंसते हैं मेरे ग़मों पर आज भी शायद
पर उसका प्यार, उसकी चाहत
मुझे आज भी रुला रहे हैं.....
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
बदनसीबी बस इतनी
कि एक का ग़म भुलाने के लिए
दूसरी को गले लगा रहे हैं....
लोग कहते हैं कि नशा इस शराब में है
हम तो बरसों से उनकी याद में ही
होश गंवा रहे हैं...........
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
तुमने शायद हकीकत तो समझी मुहब्बत की
हम तो आज भी
ख्यालों में ही जिये जा रहे हैं......
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
ये मालूम है हमको कि मंज़िल लौटती नहीं
गुज़री हुई राहों पे दोबारा
फिर भी न जाने क्यूं
इंतज़ार किये जा रहे हैं....किये जा रहे हैं....
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
लोग हंसते हैं मेरे ग़मों पर आज भी शायद
पर उसका प्यार, उसकी चाहत
मुझे आज भी रुला रहे हैं.....
ग़म इस बात का नहीं
कि हम भी मय का शौक फ़रमा रहे हैं....
Thursday, June 11, 2009
मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
तुम बस इतना भर कह देते हमसे
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
आईना टूटा जो तेरी हंसी की खनक से
उसी हादसे से हमको भी ये खबर लगी है....
तुम्हारी निगाह को उठते नहीं देखा कभी
शायद वही एक तूफां तेरे दिल में दबा है।
तेरी खामोशी को समझता रहा बेरुखी
बेपर्दा तेरा हुस्न आज क्या माजरा है।
ढलते आंचल से वास्ता हो शायद
मदहोश आंखें तेरी नम सी होने लगी हैं...
तुम बस इतना भर कह देते हमसे
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
तेरे हर कदम पर न धडकन चलती
तेरी खामोशियों पे न मैं बेज़ार होता
तेरी जुल्फों में न अंधेरी रात दिखती
न तेरे चेहरे पे माह का दीदार होता
इंतज़ार शायद इतना लंबा न होता
तेरे इकरार की आस भी खोने लगी है....
तुम बस इतना भर कह देते हमसे
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
आईना टूटा जो तेरी हंसी की खनक से
उसी हादसे से हमको भी ये खबर लगी है.....
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
आईना टूटा जो तेरी हंसी की खनक से
उसी हादसे से हमको भी ये खबर लगी है....
तुम्हारी निगाह को उठते नहीं देखा कभी
शायद वही एक तूफां तेरे दिल में दबा है।
तेरी खामोशी को समझता रहा बेरुखी
बेपर्दा तेरा हुस्न आज क्या माजरा है।
ढलते आंचल से वास्ता हो शायद
मदहोश आंखें तेरी नम सी होने लगी हैं...
तुम बस इतना भर कह देते हमसे
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
तेरे हर कदम पर न धडकन चलती
तेरी खामोशियों पे न मैं बेज़ार होता
तेरी जुल्फों में न अंधेरी रात दिखती
न तेरे चेहरे पे माह का दीदार होता
इंतज़ार शायद इतना लंबा न होता
तेरे इकरार की आस भी खोने लगी है....
तुम बस इतना भर कह देते हमसे
कि मुहब्बत तुम्हें भी होने लगी है....
आईना टूटा जो तेरी हंसी की खनक से
उसी हादसे से हमको भी ये खबर लगी है.....
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