मेरा तुझसे यूँ दूर रहना
अब एक नशा बन गया है
दर्द क्या सताएगा हमें
दर्द ही अब दवा बन गया है
ढूँढता रहा तेरे जाने के बाद
मुहब्बत को चेहरा दर चेहरा
तुझे प्यार करना मानो
मेरी सबसे बड़ी ख़ता बन गया है
Friday, October 26, 2007
Sunday, October 21, 2007
दिल का हाल लिख रहा हूँ ......
आज एक अरसे के बाद फिर
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ।
गुज़ारे हैं मैनें जो तेरे जाने के बाद
वो हर लम्हा, दिन, साल लिख रहा हूँ।
अक्सर ये लगता है मुझे
कि तू अब भी मेरे साथ है
तन्हाई में ये महसूस होता है
मानो मेरे हाथों में तेरा हाथ है
मुहब्बत का ख़त है और आंसुओं की कलम
फिर से तेरा ख्याल लिख रहा हूँ
आज एक अरसे के बाद फिर
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ..............
कई बार अपने ही दिल से पूछता हूँ
मेरे ख्याल से कभी
क्या तू भी मुस्कुराती होगी
उन लम्हों का अहसास, बीते वक्त की याद
क्या तुझे अब भी सताती होगी।
बरसों पहले दे चुकी तू जिनके जवाब
न जाने क्यूं फिर से वही सवाल लिख रहा हूँ
आज एक अरसे के बाद फिर
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ..............
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ।
गुज़ारे हैं मैनें जो तेरे जाने के बाद
वो हर लम्हा, दिन, साल लिख रहा हूँ।
अक्सर ये लगता है मुझे
कि तू अब भी मेरे साथ है
तन्हाई में ये महसूस होता है
मानो मेरे हाथों में तेरा हाथ है
मुहब्बत का ख़त है और आंसुओं की कलम
फिर से तेरा ख्याल लिख रहा हूँ
आज एक अरसे के बाद फिर
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ..............
कई बार अपने ही दिल से पूछता हूँ
मेरे ख्याल से कभी
क्या तू भी मुस्कुराती होगी
उन लम्हों का अहसास, बीते वक्त की याद
क्या तुझे अब भी सताती होगी।
बरसों पहले दे चुकी तू जिनके जवाब
न जाने क्यूं फिर से वही सवाल लिख रहा हूँ
आज एक अरसे के बाद फिर
अपने दिल का हाल लिख रहा हूँ..............
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